Home Books General Rana Beni Madhav

Rana Beni Madhav

Categories

Rana Beni Madhav

  • ISBN
  • Book Format
  • Binding
  • Language
  • Edition
  • Imprint
  • ©Year
  • Pages
  • Book Type
  • Colour Page
Select Format USD( )
Print Book 106.00 95.50 10%Off
Add To Cart Buy Now  Request Complimentary Copy

Blurb

इतिहास के पन्नो पर ऐसी शख्सियत जिसने देश के पहले स्वतंत्रता संग्राम मे अहम भूमिका निभाई थी। परन्तु आज इतिहास के पुरोधा भी नही जानते कि कितने शूरवीरो ने अपने प्राणों की आहूति दी थी। राना बेनी माघव भी इन शूरवीरो से एक ऐसा नाम है,जिन्होंने स्वतंत्रता संग्राम (1857) मे अंग्रेजों को नाको चने चबवाए थे। उनकी वीरता और पराक्रम की गाथा इतिहास के पन्ने पर स्वर्णाक्षरों मे अंकित है।

लंेखक डाॅ. राम नाथ सिंह बैस ने राना बेनी माघव के वीरता व पराक्रम के कार्यो को विस्तार से पेश किया है। उन्होंने इस किताब के माघ्यम से अंग्रेजों के अत्याचारों व देश की कला संस्कृति व घरोहर को नष्ट करने व लूटने की सारी जानकारियां विस्तार से दी है। इस पुस्तक के माघ्यम से राना बेनी माघव के चरित्र व उनके शौर्य को प्रदर्शित किया गया है। लेखक ने पुस्तक में अनमोल ऐतिहासिक दस्तावेजों को उपलब्घ करवाया है जिसके द्वारा हमारी भावी पीढ़ी इतिहास की सही जानकारी प्राप्त कर सकती है। लेखक ने इस किताब मे इतिहास पर शोघ कर सही तथ्य और घटनाक्रम को प्रस्तुत किया है। जिसे कई इतिहासकारों की त्रुटियों का संशोघन समझा जाए तो उचित होगा। अंग्रेजों की नीति और उनकी क्रूरता को बडे़ ही संजीदा रुप से प्रस्तुत किया है। और एक क्रांतिकारी की वीरगाथा को पाठकों के समक्ष भेंट किया है जिसे पढ़कर हमारी पीढ़ी में अपने इतिहास व देश के क्रांतिवीरों के प्रति आदर और गर्व की अनुभूति होगी।

© 2024 SCIENTIFIC PUBLISHERS | All rights reserved.